बिहार में कुछ त्योहार कुछ लोक उत्सव ऐसे हैं जो प्रकृति के प्रति प्रेम और सम्मान के प्रतीक के रूप में मनाये जाते हैं । मकर संक्रान्ति, छठ ऐसे ही कुछ त्योहार हैं । इसी तरह का एक लोक उत्सव है सामा-चकेवा । यह मुख्य रूप से बिहार के मिथिला क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है । महिलाएँ पारम्परिक रूप से सज-धज कर कार्तिक पूर्णिमा के शाम को मैथिली लोकगीत गाती हुई बाँस की टोकड़ी में मिट्टी के बने सामा-चकेवा, श्री सामा, चुगला, वृंदावन, बाटो बहिना, सतभैयाँ, पक्षी, पेड़, जानवर आदि के मिट्टी की बनी मूर्तियाँ लेकर खेतों में जाती हैं और इन मूर्तियों के साथ सामा-चकेवा का उत्सव हर्षोल्लास के संग मनाती हैं । इस उत्सव को ही...
#BeatPlasticPollution विश्व पर्यावरण दिवस 2018...
posted by avinash
आज वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे अर्थात विश्व पर्यावरण दिवस है और इस वर्ष का थीम है, “BEAT PLASTIC POLLUTION” | ये पर्यावरण क्या है ? पर्यावरण एक परिस्थिति है जिससे आपका अस्तित्व है | अब सवाल ये है कि अपना अस्तित्व खुद बचाया जाय या किसी को ठेकेदार बनाएं ! पर्यावरण की आज की वर्तमान स्थिति क्या है इससे कोई अनजान नहीं हैं | पर बड़ा सवाल ये है कि सब जानकर भी लोग वास्तविकता से परे होकर कैसे शेखी बघाड़ रहे हैं ? ये जो आज ‘अधजल गगरी छलकत जाय’ को अक्षरशः चरितार्थ करते हुए मनुष्य अपने आध्यात्मिक परंपरा, संस्कृति के उपहास में अट्टहास करते हुए उछ्रिन्कलता पूर्वक भौतिकता को सम्यक आचरण बता रहा है उन्हें कौन समझाएगा ? ये कौन समझाएगा कि ये ललक ये भौतिकवादी...
भाग-1. मैं, नेहा और जलेबी...
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भाग-1. मैं, नेहा और जलेबी ये उन दिनों की बात है जब पैरों में कोई लेक्सो का हवाई चप्पल होता था, जिसपर कछुआ छाप से थोड़ा जलाकर हम निशान बना देते थे कि कहीं बदला ना हो जाये, घुटने से दो बिलांग छोटी बुल्लू (ब्लू) कलर की पैन्ट होती थी, जिसमें जिप की जगह बटन होता था क्यूंकि जिप में अक्सर मेरा फंस जाया करता था और उस समय उस उमर में अन्दर ‘वो’ पहनने की जागरूकता नहीं थी, रंगीन गंजी होता था और इन्द्रधनुष रंग का हाफ शर्ट | गोरे बदन पर गंजी के नीचें गंजी का निशान बड़ा प्यारा लगता था, अक्सर अकेले गाछी में जलेबी खाते खाते हम दोनों के एक दुसरे के निशान में ‘मैं ज्यादा गोरा….मैं ज्यादा गोरी’ करते रहते थे | शर्ट के बांह से बगलों में...
जलवायु परिवर्तन : सम...
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#खलिहान_से_लाइव हिमालय के नजदीक रहने के कारण बिहार सबसे अधिक जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हो रहा है | जलवायु परिवर्तन का कोई विकल्प नहीं है, एक ही उपाय है कि हम अधिक से अधिक पेड़ लगायें, कार्बनडाईऑक्साइड और कार्बनमोनोऑक्साइड को वायुमंडल में कम से कम उत्सर्जन करें | रिन्यूएबल एनर्जी के श्रोतों...
जल संरक्षण : भूजल पु...
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#खलिहान_से_लाइव अभी जहानाबाद गया था, जल विहीन है पूरा क्षेत्र | गर्द का गुबार उठता है हल्की सी हवा चलने भर से | परती खेत धूप में जल रहा है | ये स्थिति नवादा, जमुई जैसे कई अन्य क्षेत्रो में भी हो रहा है | पानी की समस्या अगले १० वर्ष में सबसे बड़ी समस्या बनने वाली है | बिहार में ये समस्या...
का करें सर, पैसा तो ...
posted by avinash
#खलिहान_से_लाइव भरत आज भरथा से भरत भाई हो गए हैं । आज आप इनके गांव जाओ और किसी को पूछो कि भरत जी का घर कहाँ है तो लोग आपको इनके घर तक पहुँचा देंगे, पर चलते-चलते जरूर पूछ देंगे कि कोनों कंपनी से आये हैं का? बहुते कंपनी वाला सब उनके पास आते रहता है । पूर्वी चंपारण के पकड़ी दयाल प्रखंड में एक गाम...
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